बेरोजगार युवक व युवतियों को रोजगार का प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाना।
बाल श्रमिक एवं बन्धक मजदूरों के पक्ष में वातावरण तैयार करना एवं इस प्रथा का अन्त करने में सक्रिय प्रयास करना।
बालको के सर्वांगीण विकास हेतु खेल कुद के प्रति उनका रुझान बढ़ाना एवं समय-समय पर खेल-कुद की प्रतियोगिताओं का आयोजन कर उन्हें प्रोत्साहित करना।
नशाखोरी एवं एड्स के खतरनाक परिणामों से आम आदमी को अवगत कराना व इनके निराकरण के उपयोग करना।
बाल विवाह, बेमेल विवाह, दहेज प्रथा एवं मृत्यु भोजन के विरूद्ध वातावरण तैयार कर लोगो को जागरूक करना।
परित्यक्ता, विधवा एवं जरूरतमंद महिलाओं को विभिन्न उद्योगो में प्रशिक्षण के अवसर उपलब्ध कराना।
विधवा विवाह, अन्तर जातिय विवाह व सामुहिक विवाह को प्रोत्साहित एवं प्रचलित करना।
साम्प्रदायिक्ता के विरूद्ध वातावरण एवं जनमत बनाना।
पारिवारिक विवादों के निपटारे हेतु संगठित प्रयास करना।
महिलाओं के उत्थान हेतु कार्य करना एवं इनकी भागीदारी समाज में हो सके इसके लिए प्रयास करना।
महिलाओं को विभिन्न प्रकार के रोजगार के अवसर उपलब्ध करना एवं इन्हें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास करना।
महिलाओं में बचत की आदत डालना एवं बचत समूह का निर्माण संस्था के माध्यम से करना एवं उन्हें संचालित करना।
महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों के विरुद्ध आवाज उठाना एवं उन्हें उनका हक दिलाना।
महिला शिक्षा को बढ़ावा देना एवं हर बच्ची को कम से कम 10वीं तक पढ़ाने हेतु समाज की महिलाओं में जागरूकता लाना।
निराश्रित एवं अनुसूचित जाति/जनजाति के बालकों के सर्वांगीण विकास एवं अध्ययन हेतु छात्रावास, अध्ययन केंद्र, अनाथ आश्रम आदि की स्थापना कर संचालन करना।
आंगनबाड़ी केंद्रों, पालना गृह, पोषाहार कार्यक्रमों का संचालन करना।
देश-विदेश से प्राप्त मिल्क पाउडर, वस्त्र आदि निःशुल्क आदिवासियों एवं निराश्रित बच्चों में बिना किसी भेदभाव के वितरित करना।
उपभोक्ता संरक्षण हेतु जन-चेतना विकसित करना एवं इस हेतु आवश्यक कार्य करना।
अकाल, बाढ़ एवं अन्य प्राकृतिक विपदाओं में राहत कार्य चलाना।
दलितों के उद्धार के लिए समाज कल्याण कार्यक्रमों का संचालन करना।
विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाना।
नागरिकों के उद्योग स्थापना के प्रति रुझान पैदा कर स्वरोजगार के अवसर बढ़ाकर स्वावलंबन देना।
साम्प्रदायिक एवं आतंकवाद से पीड़ित लोगों के पुनर्वास एवं रोजगार की व्यवस्था करना।
विकलांग, मूकबधिर एवं अंध रोग से ग्रस्त बालकों के शिक्षण प्रशिक्षण रोजगार की व्यवस्था करना।
वृद्धाश्रम का निर्माण कर, असहाय वृद्धों को आश्रय देना।
केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में आम आदमी को जानकारी देना एवं योजनाओं की सफल क्रियान्विती में सहयोग करना।
संस्था द्वारा उद्योग स्थापित कर ग्रामोद्योग को बढ़ावा देना एवं रोजगार के अवसर बढ़ाना।
उक्त उद्देश्यों की पूर्ति हेतु खादी तथा ग्रामोद्योग आयोग, राजस्थान खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड, समाज कल्याण विभाग एवं विभिन्न निगमों, बैंकों तथा केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के सभी विभागों से अधिक से अधिक सहायता प्राप्त कर कार्यक्रमों की सफल क्रियान्विती करना।
महिलाओं को सॉफ्ट टॉयज बनाने हेतु प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना।
हैंडीक्राफ्ट्स, लेदर का कार्य, बांस व बेत के कार्य का प्रशिक्षण देना एवं महिलाओं एवं पुरुषों को आत्मनिर्भर बनाना।
वर्मी कम्पोस्ट का प्रशिक्षण देना।
अगरबत्ती, मोमबत्ती एवं अन्य विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण देना।
वे सभी कार्य करना जो संस्था के हितार्थ हो एवं समाज की भलाई के लिए हो।
विभिन्न प्रकार के आयोजित मेलों, प्रदर्शनियों में भाग लेना एवं महिलाओं एवं पुरुषों द्वारा बनाई गई कलाकृतियों को उजागर करना।
चिकित्सा प्रबंध
राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम को प्रभावी रूप से लागू करने में सक्रिय हिस्सा लेकर इनका प्रचार-प्रसार कर नागरिकों को जागरूक बनाना एवं प्रेरित करना।
जन सामान्य को निःशुल्क एवं समुचित चिकित्सा उपलब्ध करने हेतु चिकित्सालय एवं चल चिकित्सालय केन्द्रों की स्थापना करना एवं इन्हें संचालन करना।
चिकित्सा शिविरों का आयोजन करना।
सफाई, स्वच्छता एवं प्रदूषण के सम्बंध में जन चेतना विकसित करना।
रक्तदान एवं नेत्र दान शिविरों का आयोजन कर लोगों को इस हेतु प्रेरित करना।
भेटदाता एवं दानदाताओं के सहयोग एवं संस्था की नीति द्वारा गरीब रोगियों को निःशुल्क पोष्टिक आहार, भोजन, वस्त्र एवं दवाईयाँ आदि उपलब्ध कराना।
परिवार नियोजन बाबत लोगों में जागरूकता पैदा करना।
दूर-दराज, ग्रामीण आदिवासी क्षेत्रों में संक्रामक बिमारियों (एड्स, क्षयरोग, कुष्ठ रोग) आदि के प्रति जागरूकता फैलाना।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई तकनीकी व आयामों की स्थापना करना।
गरीब व असहाय एवं बीपीएल वर्ग के लोगों को स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराना।
रक्तदान एवं नेत्र दान के विषय में जन चेतना विकसित करना एवं इस क्षेत्र में जन सामान्य को सेवा उपलब्ध करवाना।
परिवार नियोजन कार्यक्रम पर जन सामान्य में जागरूकता उत्पन्न करना।
अस्थि विकलांग को पोलियो की दवाईयाँ व साधनों के प्रयोग पर बल देना।
मेडिकल कॉलेज / पेरामेडिकल कॉलेज / नर्सिंग कॉलेज / आयुर्वेद कॉलेज / होम्योपेथी कॉलेज की स्थापना कर संचालन करना, साथ ही अस्पतालों व छात्रावासों की स्थापना कर संचालन करना।
चिकित्सा क्षेत्र में अनुसंधान कार्य करना।
जन समस्या को रियायती दरों पर समुचित चिकित्सा उपलब्ध करने हेतु चिकित्सालय चलाना।
सांस्कृतिक एवं पर्यावरण संरक्षण के लिये:-
भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति के अनुरूप लोगों का मानसिक विकास एवं रूचि जाग्रत करना।
सांस्कृतिक धरोहर एवं पुरातत्व महत्व के प्राचीन स्मारकों, खण्डहरों, भवनों एवं स्थानों का संरक्षण करना तथा इस क्षेत्र में कार्यरत सभी माननीय व्यक्तियों, संगठनों एवं राजकीय सहायता से उनका रख-रखाव करना।
पर्यटन केन्द्रों की स्थापना पर्यटको को उक्त पुरातत्वों महत्व के स्थानों की सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करना एवं उनकी समस्याओं के निराकरण में सहयोग देना।
मित्र राष्ट्रो एवं राज्यों के मित्र क्लबों द्वारा सम्पर्क स्थापित कर सांस्कृतिक आदान प्रदान करना।
सांस्कृतिक मेला, कवि सम्मेलनों, मुशायरों विचारों गोष्ठियों सम्पर्क शिविरों एवं सभी कार्यक्रमों का आयोजन करना जो सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय गौरव को बढ़ाने वाला हो तथा जो धर्म निरपेक्ष एवं गांधीवादी समाज की संरचना में सहायक हो।
भारतीय कला एवं संस्कृति से सम्बन्धित स्तरीय साहित्य का सृजन एवं जन अभिरूचि एवं जन चेतना हेतु प्रकाश करना।
भारतीय कला लोक कला संगीत एवं संस्कृति के अध्ययन शोध एवं शिक्षण प्रशिक्षण में योगदान देना।
शिक्षासंबंधीः-
बालको के सर्वांगीण विकास एचं प्रचार हेतु प्रारम्भिक स्तर (नर्सरी) से उच्च स्तर तक के विद्यालय प्रशिक्षण एवं अन्य कार्यक्रमों का संचालन करना एवं इसके लिए सामान जुटाना।
सरकार द्वारा निर्धारित रीति-नीति एवं नियमों के अनुसार में कार्यक्रम को संचालन करना।
विद्यालय, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय व छात्रावासो हेतु भूमि भवन आदि की व्यवस्था करना एवं उस पर निर्माण करना। शिक्षा के प्रचार व प्रसार हेतु विद्यालय, महाविद्यालय की स्थापना करनी। आम जन को खेल (गेम्स) के प्रति जागरूक करना, समय-समय पर खेल (गेम्स) की प्रतियोगिताओं का आयोजन करना और खिलाडियों का उत्साहवर्द्धन करना।
प्रौढ़ शिक्षा, महिला शिक्षा एवं अनौपचारिक की भी स्थापना करना।
आंगन बाडी केन्द्रो की स्थापना करना।
नवीन प्रणाली का विकास करना।
भ्रमण कार्यक्रमों एवं प्रतियोगिताओं का आयोजन कर खेलकूद को प्रोत्साहन देना।
पुस्तकालयों / चल पुस्तकालयों एवं बुक बैंक की स्थापना करना। 9. रोजगारोन्मुखी तकनीकी एवं व्यवसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन करना।
महिला एवं पुरूषों के स्वयं सहायता हेतु संगठन तैयार करना ताकी वे अपनी समस्याओं के लिए लड़ सके।
राष्ट्रीय एकता एवं साम्प्रदायिक सद्भाव बनाये रखने हेतु मंदिर / धर्मशालाएँ / मुसाफिरखानों की स्थापना कर संचालन करना।
वानिकी एवं पर्यावरण सम्बन्धीः-
चारागाह एवं बंजर भूमि का विकास करना।
पहाड़ी ढालू क्षेत्रों को समतल सड़को के किनारे शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में वृक्षारोपण करना।
जन आद्रता वाटर शेड़ के कार्यक्रमों का संचालन करना।
भू-संरक्षण क्षेत्रों एवं लेण्ड स्केप क्षेत्रों में वृक्षारोपण कराना।
ऊर्जा के वैकल्पिक साधनों को जुटाना, निर्धम चुल्हो एवं बायों गैस सौर ऊर्जा के कार्यक्रमों को प्रोत्साहन देना।
रेशम कीट पालन एवं मधु मक्खी पालन की जानकारी देना एवं इसे संचालित करने का प्रयास करना।
किसान मित्र योजना बनाना।
पर्यावरण परामर्श दाता एवं पर्यावरण सम्बन्धित पत्र कार्यक्रम जागरूकता कार्यक्रम आयोजन करना।
जनजातिय समुदायों को पर्यावरण खतरों के दुष्परिणामो की जानकारी एवं उससे बचने के उपाय की जानकारी देना।
विधिसम्बन्धीः-
विधिक साक्षरता के तहत जागरूकता लाना।
विधिक सहायता एवं कानूनी सलाह के क्षेत्र में नए आयाम करना।
गरीब व बीपीएल परिवारजन को रियासती दरों पर कानूनी सलाह उपलब्ध करना।
विधिक सहायता व परामर्श के क्षेत्र में सहायता उपलब्ध कराना।
ट्रस्ट की सम्पतिः-
हमने रूपये ग्यारह हजार एक सौ मात्र की उक्त सम्पति इस ट्रस्ट का सृजन एवं स्थापना की है। यह धनराशि ट्रस्ट के कार्यों के प्रयोगार्थ समर्पित है।
ट्रस्ट के निदेशक मण्डल को ट्रस्ट के हित या उद्देश्यों की पूर्ति हेतु समस्त अधिकार प्राप्त होंगें जिससे वे इस राशि का उपयोग कर सके।
ट्रस्ट के निदेशक मण्डल द्वारा इस ट्रस्ट सम्पति से प्राप्त व संचित आय व अन्य स्त्रोतों जैसे दान व अनुदान आदि से समस्त प्राप्तियों को ट्रस्ट की शर्तों के अनुसार व उनके अधीन रहते हुए इसके उद्देश्यों की पूर्ति में व्यय करेंगें।
दान से प्राप्त समस्त चल-अचल सम्पति का क्रय-विक्रय रहन उस पर ऋण लेने आदि की कार्यवाही प्रबन्धक निदेशक की सहमति से बहुमत के आधार पर करने के अधिकार प्राप्त होंगें।
इससे प्राप्त धनराशि ट्रस्ट कोष में जमा कराई जाकर ट्रस्ट के उद्देश्यों के उपयोग व उपभोग में व्यय की जायेगी। सर्मपण के फलस्वरूप प्राप्त सम्पति, दान व अनुदान पर समर्पितकर्ता को ट्रस्ट द्वारा संचालित योजनाओं के कार्यों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं होगा।
वर्तमान ट्रस्ट के निदेशक मण्डल आयोजन ट्रस्टी रहेगें परन्तु शारीरिक विकृति, मानसिक विकृति, स्थायी बीमारी अपराध में सजा होने या स्वेच्छा से त्याग पत्र देने पर हम ट्रस्टकर्ता को "लाडली बिटिया सेवा" (ट्रस्ट) के हित में सम्बंधित व्यक्ति को ट्रस्ट के निदेशक मण्डल की सदस्यता से मुक्त करने का अधिकार होगा और हमारी मृत्यु के पश्चात हमारे उत्तराधिकारी प्रबंधन निदेशक को होगा।
ट्रस्ट के निदेशक मण्डल के रिक्त स्थान की पूर्ति का अधिकार हम ट्रस्ट प्रबंधन निदेशक को होगा एवं जिस किसी महानुभाव को हम ट्रस्ट के हित में उपर्युक्त समझेंगे मनोनीत कर निदेशक के रूप में अधिकृत करेंगें।
विवाद की स्थिति में मुझ ट्रस्टकर्ता प्रबंधन निदेशक द्वारा किया गया निर्णय अन्तिम व सर्वमान्य होगा।
देशकाल और परिस्थिति अनुसार ट्रस्ट के प्रबंधन निदेशक राजकीय कार्यो, मुकदमों, विवाद सम्बन्धी अवस्थाओं या प्रतिनिधित्व करने या अन्य किसी भी योग्य व्यक्ति की ट्रस्ट की और से अधिकृत प्रतिनिधि बनाया जा सकेगा।
कानूनी कार्यवाही या दावे या विवाद की स्थिति में ट्रस्ट के नाम से ही जवाबदेही निर्णय या समझौते होगें। विधिक स्थिति में न्याय क्षेत्र जालोर (राज.) होगा।